अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किया बड़ा हमला: जानिए पूरी कहानी, वैश्विक असर और आगे क्या हो सकता है

 प्रस्तावना: 21–22 जून 2025 की रात को दुनिया ने एक ऐतिहासिक और खतरनाक मोड़ देखा जब संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने ईरान (Iran) के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर अत्याधुनिक सैन्य हमला किया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित इस ऑपरेशन को “पूर्णतः सफल” और “पूरी तरह से नष्टकारी” बताया गया। इस हमले से न केवल पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें तेज़ हुई हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक, कूटनीतिक और सुरक्षा समीकरण भी बदलने लगे हैं।

अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किया बड़ा हमला जानिए पूरी कहानी, वैश्विक असर और आगे क्या हो सकता है
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 किन साइट्स पर हुआ हमला?

अमेरिकी वायुसेना ने तीन संवेदनशील परमाणु स्थलों को निशाना बनाया:

  1. Fordow Fuel Enrichment Plant (Qom के पास)
  2. Natanz Uranium Enrichment Facility
  3. Isfahan Nuclear Research Center

इन सभी साइट्स को ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के केन्द्र के रूप में जाना जाता है। यह हमला एक पूर्व नियोजित उच्च तकनीकी सैन्य अभियान का हिस्सा था, जिसमें B‑2 स्टील्थ बमवर्षकों द्वारा GBU‑57 “Bunker Buster” बम और पनडुब्बियों से Tomahawk क्रूज मिसाइलें दागी गईं।

 अमेरिका का पक्ष: “यह अब आवश्यक था”

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आधिकारिक बयान में कहा कि:

“हमने ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। वे अब बातचीत की मेज पर लौटें या अंजाम भुगतें।”

अमेरिका का दावा है कि यह हमला ईरान के तेज़ी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकने और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया।

 ईरान की प्रतिक्रिया: “युद्ध अब शुरू हो चुका है”

ईरान ने अमेरिका के इस कदम को “सीधा युद्ध” बताया और इसे राष्ट्रीय संप्रभुता पर आक्रमण करार दिया। ईरानी सेना ने कहा है कि वे जल्द ही जवाबी कार्रवाई करेंगे। ईरान के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने चेतावनी दी है कि अब अमेरिका और उसके सहयोगियों को क्षेत्रीय स्तर पर “भारी कीमत” चुकानी पड़ सकती है।

 वैश्विक प्रतिक्रियाएं: तनाव बढ़ा, कूटनीति कमजोर

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस घटना को “बहुपक्षीय शांति प्रक्रिया पर गहरा आघात” बताया और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की।
  • इज़राइल ने अमेरिकी हमले को “ऐतिहासिक और साहसी” बताते हुए समर्थन दिया।
  • यूरोपीय संघ (EU) और चीन, रूस जैसे देशों ने इस हमले की आलोचना की और तत्काल कूटनीतिक समाधान की मांग की।
  • भारत, तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों ने क्षेत्रीय अस्थिरता पर चिंता जताई।

 हमले के पीछे की रणनीति: कैसे संभव हुआ इतना गहरा प्रहार?

विश्लेषकों के अनुसार, इस हमले की सफलता का प्रमुख कारण ईरान की वायु सुरक्षा प्रणाली का पहले से कमजोर होना था। हालिया महीनों में इज़राइल द्वारा किए गए ड्रोन्‍स और साइबर हमलों ने ईरानी सिस्टम को काफी क्षतिग्रस्त कर दिया था। इससे अमेरिका के लिए गहराई में स्थित परमाणु ठिकानों पर सफल हमला करना संभव हुआ।

 अब आगे क्या?

 संभावित परिदृश्य:

  1. ईरान की जवाबी कार्रवाई:
    मिसाइल हमले, साइबर हमले या अमेरिका के पश्चिम एशिया में स्थित ठिकानों पर प्रत्यक्ष हमले।
  2. तेल आपूर्ति संकट:
    होरमुज़ जलडमरूमध्य में तनाव से वैश्विक तेल आपूर्ति और कीमतों पर असर।
  3. क्षेत्रीय युद्ध का खतरा:
    यदि ईरान ने इज़राइल या खाड़ी देशों पर हमला किया, तो यह स्थिति पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकती है।
  4. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर असर:
    अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों में मतभेद, UN में प्रस्तावों और शांति वार्ता की असफलता।

 निष्कर्ष: एक निर्णायक मोड़ या विनाश की शुरुआत?

ईरान और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब एक खुले सैन्य टकराव में बदल चुका है। यह हमला सिर्फ एक देश पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की बुनियाद पर भी सवाल खड़ा करता है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह घटना संयम और समाधान की ओर ले जाती है या फिर विनाश के मार्ग पर आगे बढ़ती है।


प्रश्न 1. अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हालिया हमले (जून 2025) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए—

  1. यह हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्याय VII के अंतर्गत अधिकृत किया गया था।
  2. अमेरिका ने ‘पूर्व-खतरे की आशंका’ (Pre-emptive self-defense) के सिद्धांत का उपयोग करके इस हमले को उचित ठहराया।
  3. हमले में मुख्य रूप से Fordow, Natanz और Isfahan में स्थित परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया।
  4. इस हमले के लिए अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से पूर्वानुमति प्राप्त की थी।

उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए:

(a) 1, 2 और 3
(b) 2 और 3
(c) 1, 3 और 4
(d) 3 और 4

सही उत्तर: (b) 2 और 3


प्रश्न 2. जून 2025 में अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले की पृष्ठभूमि और वैश्विक प्रतिक्रिया के बारे में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?

  1. हमले से पहले ईरान की वायु सुरक्षा प्रणाली को कमजोर करने में इज़राइल की भूमिका मानी जा रही है।
  2. संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले का स्वागत किया और इसे क्षेत्रीय स्थिरता हेतु आवश्यक बताया।
  3. इस घटना के बाद होरमुज़ जलडमरूमध्य में तनाव की संभावना बढ़ गई है, जिससे वैश्विक तेल व्यापार प्रभावित हो सकता है।
  4. रूस और चीन ने अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई का खुला समर्थन किया है।

उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए:

(a) 1, 2 और 3
(b) 1 और 3
(c) 2, 3 और 4
(d) 1 और 4

सही उत्तर: (b) 1 और 3

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