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यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अदालत ने उन्हें ‘द रणवीर शो’ दोबारा प्रसारित करने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए कुछ सख्त शर्तें लागू की गई हैं। यह मामला हाल के महीनों में सुर्खियों में था, जब कोर्ट ने उनके कंटेंट को लेकर आपत्ति जताई थी और शो के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।
अब, नए फैसले के तहत रणवीर अल्लाहबादिया को कुछ नियमों का पालन करना होगा ताकि उनके कंटेंट को नियंत्रित रखा जा सके और वह किसी भी विवाद में न फंसें। इस निर्णय के पीछे अदालत की मंशा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे कंटेंट की गुणवत्ता और नैतिकता को बनाए रखना है।
फरवरी 2025 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष आदेश जारी कर रणवीर अल्लाहबादिया के सभी नए पॉडकास्ट और वीडियो को प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय तब लिया गया जब उनके एक शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में की गई कुछ अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणियों पर विवाद खड़ा हो गया।
सरकार और कुछ संगठनों ने आरोप लगाया कि उनका कंटेंट न केवल नैतिकता के खिलाफ था, बल्कि समाज पर इसका गलत प्रभाव भी पड़ सकता था। इसके बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रणवीर के खिलाफ कड़े कदम उठाए और उनके शो को बैन कर दिया।
हाल ही में, रणवीर अल्लाहबादिया ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उनके शो को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनके आजीविका का मुख्य स्रोत है और इससे कई लोगों की नौकरियां भी जुड़ी हुई हैं।
कोर्ट ने उनकी इस अपील को स्वीकार कर लिया लेकिन कुछ कड़े नियमों के तहत उन्हें पॉडकास्ट फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी, लेकिन उन्हें जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा।
रणवीर अल्लाहबादिया के केस के बाद डिजिटल कंटेंट पर सरकारी सख्ती बढ़ने के संकेत मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह भी सुझाव दिया कि OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे कंटेंट की निगरानी के लिए एक स्पष्ट नियामक व्यवस्था (Regulatory Framework) तैयार की जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि अल्लाहबादिया का शो न केवल अश्लील है, बल्कि इसमें कुछ सामग्री विकृत मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण रखने के लिए नियामक उपायों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
इससे साफ है कि आने वाले समय में भारत में यूट्यूब, पॉडकास्ट और अन्य डिजिटल माध्यमों पर सख्त कानून लागू किए जा सकते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की अश्लीलता, गलत जानकारी और भ्रामक कंटेंट पर रोक लगाई जा सके।
इस फैसले के बाद रणवीर अल्लाहबादिया ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और पूरी कोशिश करेंगे कि उनके कंटेंट में किसी भी प्रकार की अश्लीलता या आपत्तिजनक सामग्री न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘द रणवीर शो’ एक शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक शो है, जिसमें भारत और दुनिया के बड़े व्यक्तित्व शामिल होते हैं। वह आगे भी इसी उद्देश्य से कंटेंट बनाते रहेंगे और सभी नियमों का पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक नए डिजिटल युग की दिशा तय कर सकता है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होगी। रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट को फिर से शुरू करने की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन उन्हें और अन्य डिजिटल क्रिएटर्स को अब अपने कंटेंट को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी।